April 12, 2025

तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए किए गए बंद

0
तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए किए गए बंद

पांच सौ से ज्यादा श्रद्धालु बने पावन पल के साक्षी

महादेव के जयकारों से गूंजा क्षेत्र 

रुद्रप्रयाग। पंचकेदारों में तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। पांच सौ से ज्यादा श्रद्धालु इस पावन पल के साक्षी बने। इस दौरान पूरा क्षेत्र हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा। कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की डोली भी प्रवास पर निकल गई है। सात नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर मर्कटेश्वर मंदिर में विराजमान होगी। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि तुंगनाथ की यात्रा इस वर्ष 10 मई को शुरू हुई थी। इस साल यहां पौने दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। 

मंदिर के कपाट बंद होने प्रक्रिया तड़के से शुरू हो गई थी। पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ जी के दर्शन किए। ठीक दस बजे से मंदिर के गर्भगृह में कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हुई।  भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि स्वरूप में ले जाया गया।शिवलिंग को स्थानीय पुष्पों, फल पुष्पों, अक्षत से ढक दिया गया। इसके बाद मठापति रामप्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित की उपस्थिति में पुजारी अतुल मैठाणी और अजय मैठाणी ने तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद किए।

परिक्रमा के बाद हक-हकूकधारी भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली के साथ चोपता के लिए निकले। पांच नवंबर और 6 नवंबर को चलविग्रह डोली दूसरे पड़ाव भनकुन प्रवास करेगी। सात नवंबर को भगवान तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो जाएगी। इसके बाद अगले छह महीने भगवान तुंगनाथ की पूजा यहीं होगी।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *